सोमवार, 20 अक्तूबर 2014

आजकल मुझे कोई पूछता ही नहीं,


सुबह जब उठा तो देखा भगवान सोया हुआ है गहरी नींद में,
मैने जगाया और पूछा : ऐ खुदा,सुबह हो चुकी है, और तुम सो रहे हो..?
खुदा ने कहा कि..आजकल मुझे कोई पूछता ही नहीं,
आज लोग सुबह मुझे याद नहीं करते, पूजा भी नहीं करते,
लोग सुबह सुबह उठकर पहले Whats app aur FB पे, सभी को GM भेजते हैं,
मुझे भूल चुके हैं,मुझे प्रणाम तक नहीं करते|
आदमी डूब रहा है,कोई उसे बचाता नहीं,लोग उसकी फोटो लेते हैं,
WA पे मित्रों को भेजते है...
बहुत बड़ी आग लगती है,लोग फोटो लेते WA pe send karte है कोई आग बुझाता नहीं|
शेर आदमी को खा रहा हैं,लोग देखते है,Click करते है,कोई कुछ नहीं करता...
WA pe भेज देते है|
अपने दोस्तों को,कुछ अनजान लोगो को ये बताने के लिए कि
I am the first giving u the best news
और मुझे सभी भूल चुके है,
आज मैं सिर्फ फोटो में हूं,मंदिरों में हूं,लोगों के दिलों में नही।
मैने इंसान बनाया अपने लिये,अपनों के लिए,आज वही इंसान मुझे Use कर रहा है|
कितनी अजीब बात है,
खुदा ने कहा : मुझे कोई नहीं पूछता..!!
मैंने कहा :ये सच है रब्बा,शायद मैं भी उन्हीं में से एक हूँ...!!!

बुधवार, 15 अक्तूबर 2014


गाय हमारी, COW बन गयी, शर्म हया अब, WOW बन गयी,
काढ़ा हमारा, CHAI बन गया,छोरा बेचारा, GUY बन गया,
योग हमारा, YOGA बन गया,घर का जोगी, JOGA बन गया,
भोजन 100 रु. PLATE बन गया,हमारा भारत GREAT बन गया..
घर की दीवारेँ, WALL बन गयी,दुकानेँ SHOPING MALLबन गयीँ,
गली मोहल्ला, WARD बन गया,ऊपरवाला LORD बन गया,
माँ हमारी MOM बन गयी,छोरियाँ ITEM BOMB बन गयीँ,
तुलसी की जगह मनी प्लांट ने ले ली..!
चाची की जगह, आंटी ने ले ली..!पिता जी डेड हो गये..!
भाई तो अब ब्रो हो गये..! बेचारी बेहन भी अब सिस हो गयी..!
दादी की लोरी तो अब, टांय टांय फिस्स हो गयी..!
टी वी के सास बहू में भी अब साँप नेवले का रिश्ता है..!
पता नहीं एकता कपूर औरत है या फरिश्ता है..!!!
जीती जागती माँ बच्चों के लिए ममी हो गयी..!
रोटी अब अच्छी कैसे लगे मैग्गी जो इतनी यम्मी हो गयी..!
गाय का आशियाना अब,शहरों की सड़कों पर बचा है..!
विदेशी कुत्तों ने लोगों के कंधों पर बैठकर इतिहास रचा है..!
बहुत दुखी हूँ ये सब देखकर दिल टूट रहा है..!
हमारे द्वारा ही हमारी भारतीय सभ्यता का साथ छूट रहा है.....


शनिवार, 8 मार्च 2014

मेरे दाता मुझे तो तूने संभाल रखा है...


खाक मुझ में कोई कमाल रखा है,
मेरे दाता मुझे तो तूने संभाल रखा है...
मेरे ऐबों पे डाल के पर्दा,
मुझे अच्छों में डाल रखा है...
मेरा नाता अपने से जोड़ के,
तूने मेरी हर मुसीबत को टाल रखा है...
मैं तो कब का मिट गया होता,
सच्चे पातशाह बस तेरी रहमतों ने मुझे
संभाल रखा है..."
कौन कहता है कि सतगुर दीदार नहीँ देता,
अरे इन्सान खुद ही तलबगार नहीँ होता,
यूँ ही नहीँ मीरा, धन्ना जैसे भक्त हुए,
एक बार करके तो देखो
सेवा-सुमिरन कैसे प्यारे पापा का दर्श-दीदार नहीँ होता

शनिवार, 4 जनवरी 2014

ये दुनिया तो सिर्फ मुहब्बत, बीते कल से सीख लिया

आने वाले कल का स्वागत, बीते कल से सीख लिया
नहीं किसी से कोई अदावत, बीते कल से सीख लिया
भेद यहाँ पर ऊँच नीच का, हैं आपस में झगड़े भी
ये दुनिया तो सिर्फ मुहब्बत, बीते कल से सीख लिया
हंगामे होते, होने दो, इन्सां तो सच बोलेंगे
सच कहना है नहीं इनायत, बीते कल से सीख लिया
यह कोशिश प्रायः सबकी है, हों मेरे घर सुख सारे
क्या सबको मिल सकती जन्नत, बीते कल से सीख लिया
गर्माहट टूटे रिश्तों में, कोशिश हो, फिर से आए
क्या मुमकिन है सदा बगावत, बीते कल से सीख लिया
खोज रहा मुस्कान हमेशा, गम से पार उतरने को
इस दुनिया से नहीं शिकायत, बीते कल से सीख लिया.....

रविवार, 22 दिसंबर 2013

सोमवार, 11 नवंबर 2013

चोट मुझ को लगती है, रोने मेरी माँ लगती है,

कोई बेटी समझता है, कोई बेटा समझता है,
हमें इस प्यारी दुनिया मैं, कोई खिलौना समझता है,
मेरी माँ से तो पूछो, वो सीता समझती है,
चोट मुझ को लगती है, रोने मेरी माँ लगती है,
मेरी माँ मुझ को रोज़, नई एक तालीम देती है,
दूर रहना दरिन्दों की दुनियाँ से, ये मेरी माँ मुझ को कहती है,
बेटी तू अभिमान है मेरी, तू सम्मान है मेरी,
तेरे लिए जीती मरती हु, तू तो जान है मेरी,
तुझ को बड़ा होना है, पापी दुनियाँ मैं रहना है,
दुःख और मुसीबत का आलम बेटी तुझ को भी सहना है,
तू मेरे घर बेटी, सीता बन कर खुशिया लाई है,
एक दिन तुझ को जाना है, तू अमानत पराई है,
दिल पर पत्थर भी रखना है, दिल के टुकड़े की जुदाई मैं,
माँ को भूल ना जाना, तू बेटी अपनी विदाई मैं,
तेरी माँ को यहाँ बेटी, कैसे नीद आयगी,
तेरी यादो मैं हर पल, तेरी माँ मरती जाएगी,
तू ससुराल जाएगी, वहा तू अच्छा नाम कमाएगी,
"बँटी"मुझे यकीन है तुझ पर, तू सब का दिल जित लाएगी.